29 मार्च 2025 को शनि देव मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं। इसका प्रभाव सभी राशियों पर किसी न किसी रूप में देखने को मिलेगा। शनिश्चरी अमावस्या होने के साथ-साथ इस दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। ऐसे में हम आपको ऐसी दो राशियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर शनि की ढैय्या शुरू होने जा रही है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनिदेव न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहे जाते हैं। वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर व्यक्ति को अपने जीवन में शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या का सामना जरूर करना पड़ता है। शनि की ढैय्या का समय ढाई साल का होता है, जिसे बहुत ही कष्टकारी माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं इससे राहत पाने के कुछ उपाय।
इस राशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें
शनि देव के राशि परिवर्तन के साथ ही यानी 29 मार्च से धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाएगा। इस दौरान इस राशि को जातकों को संभलकर कार्य करने और निर्णय लेने की जरूरत है। शनि की ढैय्या के प्रभाव से आपको स्वास्थ्य, रोजगार, धन, कामकाज, परिवार समेत जीवन के अन्य कई क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
सिंह राशि के जातकों पर भी शनि की ढैय्या शुरू होने जा रही है। जिसके प्रभाव से इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों और चोट आदि लगने का खतरा बना रहेगा। इसके साथ ही शत्रुओं के आपके ऊपर हावी रहने के भी आसार हैं। इस राशि के जातकों को शनि ढैय्या के प्रभाव से धन की हानि भी झेलनी पड़ सकती है।
करें ये उपाय
शनि की ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए आप कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं। इसके लिए कम-से-कम 11 शनिवार तक शनि मंदिर जाएं और छाया दान करें। इसी के साथ काले तिल, काला छाता, जूते-चप्पल, लोहा, आदि चीजों का दान करें। रोजाना खासकर शनिवार के दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें।
शनि दोष के दौरान शराब पीना, झूठ बोले और क्रोध करने जैसे कामों से दूरी बनाएं रखें और अच्छे कर्म करें, वरना इससे आपको अधिक कष्ट झेलने पड़ सकते हैं। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं। इन सभी कार्यों को करने से शनि दोष के अशुभ प्रभाव में कुछ कमी आ सकती है।