29 और 30 मार्च 2025 को कई तरह के अशुभ योग बन रहे हैं। मीन राशि में 6 ग्रहों की युति बनेगी। सूर्य, चंद्र, राहु, शनि, बुध और शुक्र ग्रह एक साथ मीन राशि में होंगे। इसी के साथ एक ओर जहां शनि और राहु की युति से पिशाच योग तो दूसरी ओर सूर्य और राहु की
ति से सूर्य ग्रहण का योग भी बन रहा है। 29 तारीख को शनिश्चरी अमावस्या भी रहेगी और 30 तारीख को गुड़ी पड़वा के साथ ही चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होगी। ऐसे में इन 2 दिनों में बहुत सावधानी रखना जरूरी है।

षष्टग्रही योग और अन्य अशुभ योगों का प्रभाव
षष्टग्रही योग में छह ग्रह एक साथ मीन राशि में उपस्थित हो रहे हैं, जिससे यह समय अत्यधिक संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। मीन राशि एक जल तत्व की राशि है, जो भावनाओं और आंतरिक तनाव से जुड़ी होती है। ऐसे में यह योग मानसिक और भावनात्मक उथल-पुथल का कारण बन सकता है। साथ ही शनि और राहु की युति से पिशाच योग भी बन रहा है, जो नकारात्मक ऊर्जा को और बढ़ा सकता है।
सूर्य और राहु की युति से सूर्य ग्रहण का योग भी बनता है, जिससे यह समय और भी अधिक संवेदनशील हो सकता है। इस स्थिति में ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हमें अपनी जीवनशैली और दिनचर्या में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। शनिश्चरी अमावस्या और गुड़ी पड़वा के खास अवसर पर यह समय अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि ये दोनों दिन हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने के लिए खास माने जाते हैं।
इन विशेष दिनों में इन बातों से रखें सावधानी:नकारात्मक कार्यों से दूर रहें: इस दौरान शराब पीना, ब्याज का धंधा करना, पराई महिला से संबंध बनाना, मांसाहार करना आदि कार्य न केवल आपके कर्मों को दोषपूर्ण बनाएंगे, बल्कि आपके जीवन में नकारात्मकता भी बढ़ा सकते हैं। इस समय आपको अपनी मानसिक शांति और सच्चे उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इन कार्यों से दूर रहना चाहिए।
क्रोध और अहंकार पर काबू रखें: क्रोध और घमंड का अहंकार हमारे जीवन में अशांति पैदा करता है। इस समय अपने गुस्से पर काबू रखें और किसी से भी टकराव या झगड़ा करने से बचें। कठोर वचन और अहंकारपूर्ण बर्ताव से भी परहेज करें, क्योंकि इस समय मानसिक और भावनात्मक नियंत्रण जरूरी है।
देवताओं और गुरु का अपमान न करें: इस समय देवी-देवता, गुरु और आपके परिवार के बुजुर्गों का सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इनके प्रति अपमान आपके जीवन में अशुभ घटनाओं का कारण बन सकता है। यही समय है जब आपको अपने कर्मों को शुद्ध करना होगा और सच्चाई के मार्ग पर चलना होगा।
घर से बाहर न निकलें: इस दिन घर से बाहर निकलते वक्त विशेष सावधानी रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें। नकारात्मकता का सामना करने से आपका मनोबल टूट सकता है, इसलिए आपको इस समय अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखना बहुत जरूरी है। घर पर रहकर सकारात्मक गतिविधियों में लगे रहें और अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
नकारात्मक व्यक्तियों से दूर रहें: जिन व्यक्तियों के विचार नकारात्मक होते हैं, उनसे मिलने से बचें। ऐसे लोग आपकी ऊर्जा को अवशोषित कर सकते हैं और आपके जीवन में अराजकता पैदा कर सकते हैं। इसलिए, इस समय को सकारात्मक लोगों के साथ बिताना ज्यादा लाभकारी रहेगा।
किसी अनजान व्यक्ति से कुछ न खाएं और न लें: इस समय अनजान लोगों से कोई भी वस्तु लेना खतरनाक हो सकता है, खासकर काला जादू जैसी नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए किसी से भी खाने-पीने की चीज़ों को न लें। यह आपको शारीरिक और मानसिक समस्याओं में डाल सकता है।
इन उपायों को अपनाकर आप इस समय को शुभ बना सकते हैं:
हनुमानजी के पंचमुखी स्वरूप की आराधना करें: हनुमानजी के पंचमुखी स्वरूप की पूजा और आराधना इस समय के नकारात्मक प्रभावों से बचने का सबसे प्रभावी उपाय है। यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएगा और कठिन समय में आपके मनोबल को मजबूत बनाएगा।
भीमसेनी कर्पूर जलाएं: भीमसेनी कर्पूर का प्रयोग इस समय घर में शुद्धता और सकारात्मकता लाने के लिए किया जा सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करेगा और घर के वातावरण को स्वच्छ और शांत बनाएगा।
हनुमान चालीसा का पाठ करें: इस समय को शुभ बनाने के लिए हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें। यह न केवल आपके जीवन में सुख-शांति लाएगा, बल्कि हनुमानजी की कृपा से आपकी सभी समस्याएं हल हो सकती हैं। प्रतिदिन कम से कम 5 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
माथे पर चंदन का तिलक लगाएं: चंदन का तिलक मानसिक शांति और सकारात्मकता को बढ़ाता है। यह आपके जीवन में दिव्य ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है।
मंदिर में दान करें: इस दिन मंदिर में आटा, दाल, चावल, नमक, घी और गुड़ को एक थाली में रखकर दान करें। यह आपके जीवन में पुण्य अर्जित करने का अच्छा तरीका है और ग्रहों की अशुभ स्थिति को संतुलित करने में मदद करता है।
आध्यात्मिक दान करें: इस दिन विशेष रूप से किसी अंधे, सफाईकर्मी, मोची, लुहार, विधवा, भिखारी और मजदूरों को दान देकर पुण्य अर्जित करें। साथ ही, छाया दान भी करें, जो जीवन में शांति और समृद्धि का मार्ग खोलता है।