नाग पंचमी का महत्व
सावन का महीना, जो वर्षा ऋतु का होता है, सांपों के भूगर्भ से बाहर निकलने का समय होता है। इस कारण नाग पंचमी की पूजा-अर्चना की जाती है ताकि सांप किसी को हानि न पहुंचा सकें। बिहार और बंगाल जैसे क्षेत्रों में कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पूरे श्रद्धा से मनाई जाती है।
शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है कि पंचमी तिथि के स्वामी स्वयं नागदेव हैं। इस दिन सांपों की पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। नाग देवताओं की पूजा से कुंडली में मौजूद राहु और केतु से संबंधित दोष दूर होते हैं, और कालसर्प दोष की शांति के लिए भी यह दिन महत्वपूर्ण है।
नाग पंचमी के दिन पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और मनुष्य को सांपों के भय से मुक्ति मिलती है। पुराणों में यह भी कहा गया है कि नाग देवता पाताल के स्वामी हैं, इसलिए नाग पंचमी या किसी अन्य पंचमी के दिन भूमि की खुदाई नहीं करनी चाहिए।
कब है नाग पंचमी 2024?
इस साल नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है।
इस नाग पंचमी ज़रूर करे ये ५ उपाए
नाग देवता को दूध अर्पित करें
नाग पंचमी के शुभ अवसर पर नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन शिव जी के साथ नाग देवता को भी दूध अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से अनेक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
मुख्य द्वार पर सांप की आकृति
नाग पंचमी के दिन विशेष शुभ योग बन रहे हैं। इस अवसर पर आप घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू, या मिट्टी से सांप की आकृति बनाएं और विधि अनुसार उसकी पूजा करें। इससे धन लाभ हो सकता है।
भगवान शिव का रुद्राभिषेक
भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए, शिवलिंग पर विजया, अर्क पुष्प, धतूरा पुष्प और फल चढ़ाएं। इसके साथ ही दूध से रुद्राभिषेक करें। ऐसा करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
चंदन का तिलक
चंदन का तिलक भी इस दिन विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव को चंदन अर्पित करें और खुद भी तिलक लगाएं। साथ ही, घर में सुबह और शाम कपूर जलाना पितृ दोष दूर करने में सहायक होता है।
नाग-नागिन का जोड़ा
नाग पंचमी पर चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करें और इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इससे जीवन की समस्याओं का समाधान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।