कामिका एकादशी 2024 : महत्व, मुहूर्त, पारण, दान, पूजा विधि और कथा जानिए एक साथ

कामिका एकादशी 2024 : महत्व, मुहूर्त, पारण, दान, पूजा विधि और कथा जानिए एक साथ

कामिका एकादशी व्रत सावन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है। इस साल कामिका एकादशी व्रत 31 जुलाई 2024 को है। आइए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत का महत्व, मुहूर्त, पारण, पूजा विधि और कथा कामिका एकादशी पर बन रहा दुर्लभ संयोग: कामिका एकादशी के पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सर्वार्थ सिद्धि योग को अत्यंत लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि इस योग में किए गए प्रयासों में सफलता प्राप्त होती है।

कामिका एकादशी 2024 : महत्व, मुहूर्त, पारण, दान, पूजा विधि और कथा जानिए एक साथ

कामिका एकादशी का महत्व

कामिका एकादशी व्रत करने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। इस एकादशी व्रत के प्रभाव से पापों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

कामिका एकादशी के दिन बन रहे शुभ मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:17 AM से 04:59 AM
प्रातः संध्या: 04:38 AM से 05:41 AM
विजय मुहूर्त: 02:42 PM से 03:36 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:12 PM से 07:33 PM
सायाह्न संध्या: 07:12 PM से 08:15 PM
अमृत काल: 07:02 AM से 08:37 AM
निशिता मुहूर्त: 12:06 AM (अगस्त 01) से 12:48 AM (अगस्त 01)

सर्वार्थ सिद्धि योग

सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा।

एकादशी तिथि

एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 04:44 बजे से प्रारंभ होगी और 31 जुलाई को शाम 03:55 बजे समाप्त होगी।

एकादशी व्रत पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें।
अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।
भगवान की आरती करें।

कामिका एकादशी व्रत पारण मुहूर्त

कामिका एकादशी व्रत का पारण 1 अगस्त 2024 को किया जाएगा। इस दिन व्रत पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05. 42 बज से सुबह 08:24 बजे तक रहेगा

कामिका एकादशी व्रत कथा


प्राचीन काल में एक गांव में क्रोधी स्वभाव के ठाकुर रहते थे। एक दिन उन ठाकुर का एक ब्राह्मण से झगड़ा हो गया और गुस्से में उन्होंने उस ब्राह्मण की हत्या कर दी। अपने पापों को मिटाने के लिए उन्होंने ब्राह्मण का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन ब्राह्मणों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया। ठाकुर पर हत्या का दोष लग गया।

एक दिन ठाकुर ने एक मुनि से ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्ति का उपाय पूछा। मुनि ने उन्हें इस पाप से मुक्ति पाने के लिए कामिका एकादशी व्रत रखने की सलाह दी और बताया कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

ठाकुर ने मुनि के बताए अनुसार कामिका एकादशी व्रत किया और भगवान विष्णु का पूजन किया। भगवान श्रीहरि ने स्वप्न में ठाकुर को दर्शन दिए और उसे ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त कर दिया। तब से मान्यता है कि जो व्यक्ति कामिका एकादशी व्रत कथा को पढ़ता या सुनता है, उसे भगवान विष्णु की कृपा से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।

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