हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत का सुहागिनों को पूरे वर्ष इंतजार रहता है। इस साल करवा चौथ पर भद्रा का साया रहने वाला है। जानें करवा चौथ व्रत कब है, पूजन मुहूर्त, भद्रा व राहुकाल का समय
पूजन मुहूर्त, भद्रा और राहुकाल की जानकारी
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ व्रत मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए विधि-विधान से किया जाता है। करवा चौथ व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, और कार्तिकेय की पूजा का विधान है। व्रत का पारण चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इस कठिन व्रत में महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्र दर्शन तक अन्न और जल ग्रहण नहीं करतीं।
करवा चौथ 2024 तिथि
इस वर्ष, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर 2024, रविवार को रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 06:46 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर को सुबह 04:16 बजे समाप्त होगी। इस दिन व्रत का पालन करने वाले भक्तजन विशेष पूजन और व्रत विधि का अनुसरण करेंगे।
करवा चौथ के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त
करवा चौथ के दिन विभिन्न शुभ मुहूर्तों में पूजा का विशेष महत्व है। पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:43 से 05:34 बजे तक है, जबकि प्रातः संध्या का समय 05:08 से 06:24 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, दिन में अभिजित मुहूर्त 11:42 से 12:27 बजे तक रहेगा, और विजय मुहूर्त दोपहर 01:58 से 02:44 बजे तक रहेगा। शाम को गोधूलि मुहूर्त 05:45 से 06:11 बजे तक रहेगा।
शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ कार्यों के लिए चौघड़िया मुहूर्त भी महत्वपूर्ण है। करवा चौथ के दिन निम्नलिखित चौघड़िया मुहूर्त विशेष माने गए हैं:
– लाभ (उन्नति): सुबह 09:14 से 10:40 बजे तक
– अमृत (सर्वोत्तम): सुबह 10:40 से 12:05 बजे तक
– शुभ (उत्तम): दोपहर 01:30 से 02:55 बजे तक
– शुभ (उत्तम): शाम 05:45 से 07:20 बजे तक
– अमृत (सर्वोत्तम): शाम 07:20 से 08:55 बजे तक
राहुकाल और भद्रा का समय
करवा चौथ के दिन राहुकाल का समय शाम 04:02 से 05:45 बजे तक रहेगा। इस दिन भद्रा का साया सुबह 06:24 से 06:46 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भद्रा और राहुकाल को शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।
करवा चौथ पूजन का समय
करवा चौथ के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05:45 से 07:01 बजे तक रहेगा। इस दौरान महिलाएं भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की पूजा करेंगी और पति की दीर्घायु और खुशहाली की कामना करेंगी।
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय
द्रिक पंचांग के अनुसार, करवा चौथ के दिन चांद का उदय शाम 07:53 बजे होगा। हालांकि, विभिन्न स्थानों पर चंद्रोदय का समय थोड़ा भिन्न हो सकता है, इसलिए स्थानीय समय के अनुसार चंद्र दर्शन किया जाएगा।
करवा चौथ व्रत के प्रमुख क्षेत्र
करवा चौथ व्रत मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रों में यह व्रत विशेष रूप से मनाया जाता है।
करवा चौथ का महत्व
हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत करने से पति की दीर्घायु, निरोगता और परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।