अजा एकादशी पर बन रहे हैं 3 दुर्लभ संयोग, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

अजा एकादशी पर बन रहे हैं 3 दुर्लभ संयोग, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अजा एकादशी का विधिपूर्वक व्रत करता है, उसकी गरीबी दूर होती है, और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। जो लोग आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं या कर्ज के बोझ तले दबे हैं, उन्हें अजा एकादशी का व्रत अवश्य रखना चाहिए।
श्रीहरि की कृपा से वित्तीय संकट से मुक्ति मिलती है। अजा एकादशी का व्रत करने से संतान सुखी रहती है और उस पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं। भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा से पाप नष्ट होते हैं और मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष अजा एकादशी के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं, जो इस व्रत को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं। राजा हरिश्चंद्र ने भी अजा एकादशी का व्रत किया था, जिससे उनके जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आए। तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानिए कि इस अजा एकादशी पर कौन-कौन से 3 शुभ संयोग बन रहे हैं, अजा एकादशी व्रत के लाभ क्या हैं, और व्रत का पारण किस समय करना चाहिए।

अजा एकादशी 2024 तारीख

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को 01 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त को 01 बजकर 37 मिनट पर खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार अजा एकादशी का व्रत 29 अगस्त दिन गुरुवार को रखा जाएगा. इस एकादशी की खास बात ये है कि इस बार अजा एकादशी के दिन 3 शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है

इस संयोग में करें पूजा

पहला संयोग यह है​ कि भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार के दिन है. शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है. दूसरा संयोग यह है कि अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. जो 29 अगस्त की शाम के समय 4:39 बजे से और पारण वाले दिन 30 अगस्त को सुबह 5:58 बजे खत्म होगा. तीसरा संयोग यह है कि व्रत वाले दिन सुबह में सिद्धि योग बनेगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा. यानि इन संयोगों में पूजा करने से लोगों को भगवान नारायण हरि की विशेष कृपा प्राप्त होगी.

पारण का सही समय

यदि किसी ने अजा एकादशी का व्रत रखा है, तो व्रत का पारण 30 अगस्त, शुक्रवार को किया जा सकता है। इस दिन सुबह 7:49 बजे से 8:31 बजे के बीच पारण का शुभ मुहूर्त है। एकादशी व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में ही करने से उपवास को पूर्ण माना जाता है, और इसके बाद भगवान से पूर्ण फल की प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

अजा एकादशी पर बनेंगे 3 शुभ संयोग

इस बार अजा एकादशी पर तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। पहला संयोग यह है कि भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है, जो स्वयं भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए समर्पित है। दूसरा संयोग यह है कि अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण होगा, जो उस दिन शाम 4:39 बजे शुरू होगा और पारण वाले दिन, 30 अगस्त को सुबह 5:58 बजे समाप्त होगा। तीसरा संयोग यह है कि व्रत के दिन सुबह सिद्धि योग बनेगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा।

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