होलाष्टक 2025 : होलाष्टक के आठ दिनों में क्या करें और क्या नहीं, जानिए महत्व और उपाय

होलाष्टक 2025: होलाष्टक होली से पूर्व के आठ दिनों का एक विशेष काल होता है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक रहता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है।

होलाष्टक 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पूर्व के आठ दिनों का एक विशेष काल होता है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर होलिका दहन तक रहता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन दिनों में ग्रहों की स्थिति अशुभ मानी जाती है, जिससे नए कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं। इसलिए शास्त्रों में इस अवधि में कुछ कार्यों को करने और कुछ से बचने की सलाह दी गई है।

होलाष्टक के आठ दिनों में क्या करें?

  1. भगवान विष्णु और नरसिंह अवतार की आराधना करें
    इस समय भगवान विष्णु, विशेषकर नरसिंह अवतार की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रह्लाद ने इन्हीं दिनों में भगवान विष्णु का ध्यान किया था, जिससे उन्हें संकटों से मुक्ति मिली।
    विज्ञापन
  1. होलिका पूजन करें
    फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रतिदिन होलिका पूजन करने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। विशेषकर पूर्णिमा के दिन होलिका दहन से पहले नारियल, गेंहू, चना आदि अर्पित करके पूजा करना शुभ होता है।
  1. दान-पुण्य करें
    इस अवधि में ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धन आदि का दान करना विशेष फलदायी माना गया है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष व ग्रह दोषों का निवारण होता है।
  1. धार्मिक सत्संग और भजन-कीर्तन करें
    होलाष्टक के दौरान भगवत कथा, श्रीमद्भागवत का पाठ, रामायण पाठ और सत्संग करना शुभ फलदायी होता है। इससे मन शांत रहता है और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
  1. रंगों से सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं
    इन दिनों में रंगों से संबंधित अनुष्ठान करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। घर को स्वच्छ रखें और हल्के रंगों से सजाएं।

होलाष्टक के आठ दिनों में क्या न करें?

  1. कोई भी शुभ कार्य न करें
    होलाष्टक के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार, नामकरण आदि शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। इस समय किए गए कार्य सफल नहीं होते और बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
  1. घर में कलह और अपशब्दों का प्रयोग न करें
    इस दौरान घर में लड़ाई-झगड़ा करना, किसी को अपशब्द कहना और दूसरों का अपमान करना अशुभ होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है, जिससे पारिवारिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
  1. बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित है
    होलाष्टक के आठ दिनों में बाल कटवाना, शेविंग करना और नाखून काटना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान शरीर से जुड़ी कोई भी चीज हटाने से दुर्भाग्य बढ़ सकता है।
  1. नए वस्त्र, आभूषण और वाहन न खरीदें
    इस समय नए कपड़े, गहने, वाहन या संपत्ति खरीदने से बचना चाहिए। इस दौरान खरीदी गई चीजों का स्थायित्व कम होता है और वे जल्दी नष्ट हो सकती हैं।
  1. अधिक तामसिक भोजन न करें
    इस अवधि में मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन, तामसिक भोजन और नशे से परहेज करें। इससे मानसिक और शारीरिक ऊर्जा प्रभावित होती है और नकारात्मकता बढ़ती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *