सावन शिवरात्रि 2024 जानें शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और विधि

सावन शिवरात्रि 2024: 2 या 3 अगस्त को कब मनाई जाएगी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और विधि

सावन शिवरात्रि का त्योहार सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण त्योहार का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है, क्योंकि यह भगवान शिव की पूजा का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। सावन का हर दिन शिव पूजा के लिए शुभ होता है, लेकिन सावन की शिवरात्रि का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण और पवित्र माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस वर्ष, सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो इस दिन की महत्ता को और भी बढ़ा देता है। लोग इस दिन व्रत रखते हैं और शिव-पार्वती की पूजा करते हैं, जिससे वे भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह त्योहार भक्तों के लिए अपने जीवन में शांति, समृद्धि, और खुशहाली लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार मासिक शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। इस पवित्र दिन पर भगवान शिव की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करें और लिंगाष्टकम स्तोत्र का पाठ करें।

सावन शिवरात्रि 2024 व्रत

वैदिक पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में शिवरात्रि व्रत शुक्रवार, 2 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:15 बजे से 3 अगस्त को 1:00 बजे तक रहेगा।

उदया तिथि के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। इस दिन पूजा सामग्री में दूध, जल, रोली, चन्दन, बेल पत्र, दूर्वा, घी का दीपक, धूप, मौसमी फल, फूल, मोली (कलावा), इत्र, और चढ़ावा शामिल करें।

सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – सायं 07:11 – रात्रि 09:49 तक (2 अगस्त)
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – रात्रि 09:49 – रात्रि 12:27 तक (3 अगस्त)
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात्रि 12:27 – प्रातः 03:06 तक (3 अगस्त)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – प्रातः 03:06 – प्रातः 05:44 तक (3 अगस्त)
निशिता काल मुहूर्त – रात्रि 12:06 – रात्रि 12:49 तक (3 अगस्त)
शिवरात्रि पारण समय – प्रातः 05:44 – दोपहर 03:49 तक (3 अगस्त)

सावन शिवरात्रि पर पूजन सामग्री

  • सावन शिवरात्रि के दिन आप नीचे दी गई पूजन सामग्री से पूजा करें।
  • एक शिवलिंग या भगवान शिव की फोटो या प्रतिमा
  • जनेऊ
  • बेलपत्र
  • भांग
  • शमी के पत्ते
  • मदार के फूल
  • फूल माला
  • गंगाजल
  • गाय का दूध, गाय का घी, दही,
  • शक्कर
  • सफेद चंदन
  • अक्षत्
  • इत्र
  • पान, सुपारी,
  • शहद, मौसमी फल
  • भस्म, अभ्रक,
  • कुश का आसन
  • हवन सामग्री
  • माता पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री
  • एक दीपक, कपूर,
  • शिवरात्रि व्रत कथा, शिव आरती और शिव चालीसा की पुस्तक

सावन शिवरात्रि 2024 विधि

सावन शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत हों और सूर्य देव को जल अर्पित करें। एक लोटे में दूध, जल, चावल, शक्कर और जल मिलाकर पूजा सामग्री इकट्ठा करें और किसी शिव मंदिर जाएं।

  • सबसे पहले भगवान शिव के आगे हाथ जोड़ें और उनसे अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करें।
  • भगवान शिव को चंदन लगाएं और इत्र अर्पित करें। इसके बाद भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ाएं।
  • भगवान शिव, गणेश जी, कार्तिकेय जी, माता पार्वती और नंदी जी पर फूल अर्पित करें।
  • देवी पार्वती को कुमकुम का तिलक करें और भगवान गणेश और कार्तिकेय जी को भी कुमकुम का तिलक करें।
  • भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी पर मौली (कलावा) अर्पित करें।
  • शिव जी के सामने फल समर्पित करें।
  • “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव पर जल की धारा अर्पित करें।
  • धूप और दीप जलाएं।
  • भगवान शिव की आरती करें और हाथ जोड़कर पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
  • इस विधि से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *