हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। हिंदू वर्ष जेष्ठ महीने में हिंदू के कई प्रमुख व्रत व त्यौहार आते हैं। जिनमें से एक गंगा दशहरा आता है। जिसको हिंदू धर्म के लोग काफी श्रद्धा से मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष में आने वाली दशमी गांगा दशहरा मनाया जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन माता गंगा पृथ्वी पर अवतरण हुई थी। जिसके चलते इस दिन विधिवत रूप से मां गंगा की पूजा अर्चना की जाती है और उसमें स्नान करने के बाद दान करने का बहुत ज्यादा महत्व बताया गया है।
शुभ मुहूर्त गंगा दशहरा पूजन:
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गंगा दशहरा पर कल यानी 16 जून 2024, रविवार के दिन मनाया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून रात्रि 2:32 पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 17 जून सुबह 4:45 पर होगा। साथ ही इस दिन हस्त नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 11:13 तक रहेगा। इस साल गंगा दशहरा पर स्नान दान का समय रविवार, 16 जून को सुबह 04 बजकर 03 मिनट से लेकर 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगा।
पूजा का विधि-विधान:
गंगा दशहरा के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर शुभ मुहूर्त के समय गंगा नदी में स्नान करें। अगर कोई गंगा नदी में स्नान नहीं कर पता तो वह घर में ही गंगाजल डालकर पानी में स्नान करें। माता गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ-साथ महादेव की भी पूजा अर्चना करें। उसके उपरांत वह एक तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें अक्षत फूल और गंगाजल डालकर सूर्य देव को जल अर्पित करें और माता गंगा की आरती करें। गंगा मां के मंत्रों का जाप करें। उसके बाद माता गंगा की पूजा अर्चना करें।
गंगा दशहरा पूजन महत्व:
अगर कोई इंसान गंगा दशहरे के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा मैया में स्नान करता है, तो उसके कई जन्मों-जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार के दोष से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों का नाश होता है और व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति करता है। लोग गंगा किनारे पूजा-अर्चना करते हैं, दीपदान करते हैं और गंगा माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस पर्व का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, जो जीवन में पवित्रता और सद्गुणों का प्रतीक है। घर में सुख समृद्धि आती है।
गंगा दशहरा पर शुभ संयोग:
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि गंगा दशहरा पर इस साल तीन शुभ संयोग बन रहे हैं। गंगा दशहरा पर रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय के साथ ही रवि योग शुरू हो जाएगा। इस शुभ योग में पूजा-पाठ और मांगलिक कार्यों को करना बहुत ही शुभ माना जाता है। गंगा ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में धरती पर उतरी थी। इस बार हस्त नक्षत्र 15 जून को सुबह 8 बजकर 14 मिनट से लेकर 16 जून को सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।