सावन का हर सोमवार होगा खास, बनेंगे कई शुभ मुहूत, ऐसे करें पूजा

 सावन माह भगवान भोलेनाथ का प्रिय मास है। इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो गया है। चार सोमवारी व्रत होंगे। इस सावन में चार सोमवारी व्रत होंगे। पहला सोमवारी व्रत 14 जुलाई को है। दूसरा 21, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सोमवारी….

सावन 2025 : सावन माह भगवान भोलेनाथ का प्रिय मास है। इस बार श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो गया है। चार सोमवारी व्रत होंगे। इस सावन में चार सोमवारी व्रत होंगे। पहला सोमवारी व्रत 14 जुलाई को है। दूसरा 21, तीसरा 28 जुलाई और चौथा सोमवारी व्रत 4 अगस्त को है। सावन में भगवान शिव की पूजा एवं सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, जिसे शिव पुराण में भी विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि जो शिव भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक सावन के सभी सोमवारी का व्रत रखते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। सोमवार व्रत से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बढ़ती है। ग्रहों की प्रतिकूल दशा में सुधार होता है। मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। दांपत्य जीवन में मधुरता भी आती है।

सावन के सोमवार पर बन रहे ये अद्भुत योग और नक्षत्र: आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार यानी 14 जुलाई को धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग है। दूसरे सोमवार 21 जुलाई को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग है। इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा बरसेगी। सावन के तीसरे सोमवार यानी 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा । सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग बनेगा। वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग है। इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद भक्तों को मिलेंगे। अंतिम सोमवार चार अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म और इंद्र योग रहेगा। चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे।

ऐसे करें पूजा-
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

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