योगिनी एकादशी पर करें ये खास उपाय, और दूर हो जाएगी दरिद्रता! अटका पैसा मिलेगा वापस

हिन्दू धर्म में साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर महीने में 2 बार एकादशी व्रत किया जाता है. एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है, साथ ही सभी मन्नते पूरी होती है और साथ ही इस दिन किया गया दान-पुण्य के साथ कुछ उपाय भी बहुत फायदेमंद होते हैं. आइए उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज से जानते हैं, योगिनी एकादशी के बारे में विस्तार से.

कब मनाई जाएगी योगिनी एकादशी?
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह की एकादशी तिथि 21 जून 2025 को सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जो 22 जून को सुबह 04 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून 2025 को रखा जाएगा.

योगिनी एकादशी का महत्व
योगिनी एकादशी के दिन पूजा करने के साथ व्रत रखने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आपकी हर इच्छा पूरी हो जाती है. हर संकट से मुक्ति मिलने के साथ दरिद्रता और पापों से मुक्ति मिल जाती है. जीवन में खुशियों की दस्तक होती है.

जरूर करें यह उपाय
व्यापार – योगिनी एकादशी पर 11 गोमती चक्र और 3 छोटे एकाक्षी नारियल लें. इन्हें मंदिर में स्थापित करके, इनकी धूप-दीप आदि से पूजा करें. पूजा के बाद एक पीले रंग के कपड़े में गोमती चक्र और एकाक्षी नारियल बांधकर ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार पर लटका दें. यह उपाय से व्यापार मे आ रही परेशनी दूर होंगी.

अटका धन
 – इस दिन एक गोमती चक्र लें और शाम के समय अंधेरा होने पर किसी विरानी जगह में या घर के बाहर खाली जगह पर जाकर एक गड्ढा खोदें और श्री विष्णु का नाम लेते हुए गोमती चक्र उस गड्ढे में दबा दें. भगवान से प्रार्थना करें कि वह व्यक्ति आपका पैसा लौटा दे. यह उपाय से आपका काम बन जाएगा.

पारिवारिक कलह – घर मे पति-पत्नी मे कलह झगड़ा बना रहता है तो एकादशी के दिन केले के पेड़ की धूप-दीप, रोली-चावल आदि से पूजा करें और भगवान विष्णु को केसर मिला दूध अर्पित करें. कुछ मिनट बाद उसे प्रसाद के रूप में पी लें. ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच रिश्ते मधुर होंगे.

स्वास्थ – इस दिन शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे गाय के घी का दीपक जलाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए तुलसी के पौधे की सात परिक्रमा करें. ऐसा करने से आपका पूरा परिवार सेहतमंद रहेगा और आपको स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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