नाग पंचमी का महत्त्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह त्योहार नाग देवताओं को समर्पित है और श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में नागों को भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है। यह माना जाता है कि नागों की पूजा करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। नाग पंचमी से जुड़ी कई धार्मिक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें सबसे प्रसिद्ध कथा है भगवान श्रीकृष्ण और कालिया नाग की। इस कथा में भगवान श्रीकृष्ण ने कालिया नाग का दमन करके यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त किया था।
नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्रकृति और जीवों के संरक्षण का संदेश भी देता है। किसान इस दिन नाग देवता की पूजा करके अच्छी फसल की कामना करते हैं। यह मान्यता है कि नाग देवता की कृपा से फसलों में कीट-पतंगों से बचाव होता है और अच्छी उपज होती है। नाग पंचमी प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण का प्रतीक है। इस दिन लोग सांपों को दूध पिलाते हैं और उन्हें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाने का संकल्प लेते हैं। इससे वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संतुलन में मदद मिलती है।
नाग पंचमी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त ( Nag Panchami Puja Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का आरंभ 8 अगस्त की देर रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा, (यानी 9 अगस्त को 00:36 मिनट पर) और इसका समापन अगले दिन 10 अगस्त को देर रात 3 बजकर 14 मिनट पर होगा. इसलिए इस वर्ष 09 अगस्त को नाग पंचमी का पर्व मनाया जायेगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 1 मिनट से लेकर 8 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भोलेनाथ के साथ नाग देवता की पूजा की जा सकती है.
नाग पंचमी पूजा विधि ( Nag Panchami Puja Vidhi)
इस व्रत के देवता आठ नागों को माना जाता है। इस दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक आठ नागों की पूजा की जाती है।
चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करें और पंचमी के दिन व्रत करके शाम को एक समय भोजन करें।
पूजा के लिए लकड़ी के चौकी पर सांप की मिट्टी की प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है।
फिर हल्दी, रोली (लाल सिन्दूर), चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की जाती है।
फिर कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर लकड़ी के पटरे पर बैठे नाग देवता को अर्पित किया जाता है।
पूजा के बाद नाग देवता की आरती की जाती है।
सुविधा के लिए आप सपेरे को कुछ दक्षिणा दे सकते हैं और यह दूध सांप को पिला सकते हैं।
नाग पंचमी की कथा अवश्य सुननी चाहिए।
नाग पंचमी पर बनने वाले लाभदायक योग और राशियों पर उनका प्रभाव
मेष राशि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष की नाग पंचमी मेष राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ होगी। इनकी ग्रह स्थिति मजबूत रहेगी और भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। व्यवसाय में नए कार्य के लिए की गई मेहनत सफल होगी। साथ ही, लंबे समय से चले आ रहे रोगों से भी छुटकारा मिलेगा।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए भी यह नाग पंचमी बहुत शुभ फलदायक साबित होगी। इन्हें अपने सभी कार्यों में सफलता मिलेगी। किसी अनुभवी व्यक्ति से मुलाकात हो सकती है, जिनका अनुभव करियर को तरक्की देने में सहायक होगा। वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
सिंह राशि
सिंह राशि वाले नौकरीपेशा जातकों को नई नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं। लंबे समय से चला आ रहा मानसिक तनाव भी समाप्त होगा। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता प्राप्त होगी।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को व्यवसाय में लाभ और कर्ज से मुक्ति मिल सकती है। विदेश में नई नौकरी के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।