तुलसी दिवस पर पूजा के समय इन मंत्रों का करें जाप, कभी खाली नहीं होगी आपकी तिजोरी

तुलसी पूजन करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और धन की प्राप्ति होती है। तुलसी के महत्व को समझने के लिए हर साल 25 दिसंबर को तुलसी दिवस मनाया जाता है। रोजाना तुलसी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसकी परिक्रमा लगाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करना चाहिए। मान्यता है कि तुलसी दिवस के दिन पूजा के दौरान विशेष मंत्रो का जाप करना शुभ होता है।

तुलसी पूजा विधि

1.प्रतिदिन प्रातः काल स्नान करके तुलसी के पौधे को प्रणाम करें और लोटे से जल चढ़ाएं।
2.जल चढ़ने से पूर्व अक्षत, चंदन, रोली और अगर रोली न हो तो हल्दी को तुलसी के पौधे पर अर्पित करें।
3.आप अपनी सुविधानुसार 7, 11, 21 या 111 परिक्रमा कर सकते हैं और उसके बाद मां तुलसी का ध्यान कीजिए।
4.शाम को पुनः तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।
5.ऐसा करने से घर में कलह-कलेश का वातावरण नहीं बनता और सुख समृद्धि आती है।

तुलसी पूजा महत्व

तुलसी पूजा महत्वसनातन धर्म में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी दिवस के दिन विधि पूर्वक तुलसी पूजन किया जाता है, ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा परिवार में धन, समृद्धि और खुशियां आती हैं। इस दिन तुलसी का पौधा घर लाना शुभ होता है। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इसलिए तुलसी दल को भगवान विष्णु के प्रसाद में शामिल किया जाता है। घर में तुलसी का पौधा होने से सकारात्मकता बनी रहती है।

तुलसी स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

मां तुलसी का पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता का ध्यान मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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