Astrobysadhak-आषाढ़ अमावस्या 2024

आषाढ़ अमावस्या कब रहेगी, जानें 3 खास अचूक उपाय जो संकट मिटाए।

अमावस्या हर महीने में 1 बार आती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 05 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को मनाई जा रही हैं। धार्मिक ग्रंथों के लिए इस अमावस्या का बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कर्मों के लिए भी इसे विशेष फलदायी माना गया है। इस दिन पवित्र नदी और तीर्थ स्थलों पर स्नान का कई गुना फल मिलता है। आषाढ़ी अमावस्या को दान-पुण्य और पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।  ज्योतिष विद्या के अनुसार, कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों पर शनि की साढे साती और ढैया का बुरा प्रभाव चल रहा है। मान्यता है की आषाढ़ अमावस्यापर कुछ उपाय कर लेने से शनि की साढे साती और ढैया के बुरे प्रभाव को कम किया जा सकता है।

05 जुलाई 2024, शुक्रवार आषाढ़ कृष्ण अमावस्या

आषाढ़ कृष्ण अमावस्या का प्रारम्भ -05 जुलाई 2024, दिन शुक्रवार को अलसुबह 04:57 मिनट से। 

अमावस्या का समापन- 06 जुलाई 2024, दिन शनिवार को सुबह 04:26 मिनट पर होगा। 

राहुकाल- सुबह 10:41 से दोपहर 12:26 तक।

गुलिक काल- सुबह 07:13 से 08:57 तक।

अभिजित मुहूर्त- अपराह्न 11:58 से 12:54 तक।

अमृत काल- सायंकाल 06:01 से 07:38 तक। 

इसलिए शनि देव की असीम कृपा पाने के लिए आषाढ़ अमावस्या पर करें शनि चालीसा का पाठ और ये 2 उपाय करे-

पितृ-दोष उपाय

पितृ नाराज हो जाए तो परिवार पर संकटों का पहाड़ टूटने लगता है। छोटे से छोटे कामों में भी रुकावटें पैदा होने लगती हैं। इसलिए अपने पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं या पितृदोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो आषाढ़ मास की अमावस्या के दिन पितृ कवच का पाठ करें। इस पाठ के साथ पितृ स्तोत्र या पितृ सूक्तम का पाठ भी कर सकते हैं, जिससे पितरों का आशीर्वाद मिलेगा साथ ही पितृ दोष भी दूर होगा।

शिव-पूजा

आषाढ़ अमावस्या के दिन भोलेनाथ की आराधना करने से शनि देव के बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं। इस दिन भगवान शिव की आराधना करने और पंचामृत से जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्ति की होती है। वहीं, शनि की साढ़ेसाती का बुरा प्रभाव कम करने, पितृ दोष और सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र, गंगाजल, कच्चा दूध चढ़ाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। इससे परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है।

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