एकादशी के दिन चावल नहीं खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे घर में दरिद्रता आती है और पुण्य समाप्त होता है. इसके अलावा, वैज्ञानिक तथ्यों के मुताबिक, चावल खाने से मन चंचल हो जाता है, जिससे व्रत के नियमों का पालन नहीं हो पाता.

एकादशी पर चावल न खाने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण:
धार्मिक कारण:
चावल को हविष्य अन्न (देवताओं का भोजन) कहा जाता है. इसलिए, देवी-देवताओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए एकादशी पर चावल नहीं खाना चाहिए.
मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के रक्त और मांस खाने के समान है.
वैज्ञानिक कारण:
चावल में पानी की मात्रा ज़्यादा होती है.
पानी पर चंद्रमा का ज़्यादा प्रभाव होता है.
चावल खाने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मन विचलित और चंचल हो जाता है.
मन के चंचल होने से व्रत के नियमों का पालन करने में बाधा आती है.